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typhoid in hindi- टाइफाइड कारण, लक्षण, बचाव व् उपचार के सारे विकल्प

typhoid in hindi- टाइफाइड कारण, लक्षण, बचाव व् उपचार के सारे विकल्प

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टाइफाइड क्या है (typhoid in hindi)

टाइफाइड (Typhoid) छोटी आंत(Small intestine) में होने वाला एक प्रकार का बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial infection) है जो सालमोनेला टायफी (Salmonella typhi) नामक जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है टाइफाइड को मियादी बुखार या मोसमी बुखार भी कहते हैं

  • टाइफाइड को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इन्फेक्शन (Gastrointestinal infection) भी कहते हैं इसे Enteric fever भी कहते है  

यह मुख्य रूप से छोटी आंत को प्रभावित करता है

  • दूषित आहार या पानी के जरिए यह बैक्टीरिया (S. typhi) हमारी छोटी आंतों तक पहुंच जाता है तथा वहां आंतों की दीवार (intestinal wall) से रक्त में प्रवेश कर जाता है 

रक्त के जरिए (blood stream) पूरे शरीर के अन्य अंगों जैसे यकृत, तिल्ली, बोन मैरो तथा उत्तको (Tissues) तक यह संक्रमण पहुंच जाता है

  • शुरू शुरू में शरीर की रोग प्रतिरोधक कोशिकाएं (Immune cells) भी इस संक्रमण का पता नहीं लगा पाती

धीरे धीरे लगभग 1 से 3 सप्ताह के बाद टाइफाइड के संक्रमण के लक्षण मरीज के शरीर में दिखाई देने लगते हैं

टाइफाइड का संक्रमण होने के बाद व्यक्ति में प्रमुख रूप से उल्टी, दस्त, पेट दर्द, हाथों पैरों मे पीड़ा का अनुभव या फिर तेज बुखार इत्यादि लक्षण उत्पन्न होते हैं

ध्यान दे…

टाइफाइड का इलाज समय पर ना करवाने से यह घातक व जानलेवा भी सिद्ध हो सकता है

  • टाइफाइड से संक्रमित कुछ एक व्यक्तियों में इसकी गंभीर जटिलताएं (Serious complications) जैसे छोटी आंत में सुराख होना (Intestinal perforation), गुर्दे तथा यकृत की कार्य शीलता में कमी होना, शरीर के भीतर रक्तस्राव (Internal Hemorrhage) होना इत्यादि भी उत्पन्न हो सकती हैं जो काफी घातक है 

इसलिए टाइफाइड का इलाज सही समय पर एक अच्छे चिकित्सक से करवाना बहुत जरूरी है

  • एक अध्ययन के मुताबिक टाइफाइड से संक्रमित लगभग 3 से 5 प्रतिशत लोग इस जीवाणु के वाहक (Carrier) होते हैं

कई लोगों में टाइफाइड बुखार एसिंप्टोमेटिक (Asymptomatic) यानि बिना लक्षणों वाला होता है ऐसी स्थिति में इसका सही से निदान (Diagnosis) करना बहुत मुश्किल हो जाता है


टाइफाइड के लक्षण (symptoms of typhoid in hindi)…

  • टाइफाइड के मरीजों में बैक्टीरिया का संक्रमण होने के बाद लगभग 1 से 3 सप्ताह के बाद टाइफाइड के लक्षण दिखाई देने लगते हैं
  • टाइफाइड की गंभीरता के आधार पर इस बिमारी की अवधि 3 से 4 सप्ताह तक भी होने की संभावना रहती है 
  • टाइफाइड का सामान्य इनक्यूबेशन पीरियड (Incubation period) 7 से 14 दिन तक का होता है

टाइफाइड के लक्षण निम्नलिखित प्रकार के हो सकते हैं जैसे कि…

  • तेज बुखार होना (Fever- upto 104°F)
  • सिरदर्द बने रहना (Headache)
  • पेट में गड़बड़ होना
  • कब्जियत (Constipation) या अतिसार (Diarrhea) की शिकायत होना
  • भूख की कमी (Anorexia)
  • शरीर पर लाल रंग के निशान (Skin rashes)
  • अत्यधिक थकावट रहना (Fatigue)
  • ठंड का लगना
  • जोड़ों में दर्द का अनुभव होना(Arthralgia)
  • बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होना (Weakness)
  • जिगर का बढ़ना (Hepatomegaly)
  • तिल्ली का बढ़ना (Splenomegaly) 
  • पेट दर्द (Pain abdomen)

मांसपेशियों में पीड़ा होना (Muscle pains) आदि लक्षण टाइफाइड बुखार में हो सकते हैं 

कई मरीजों में बिना लक्षणों के भी टाइफाइड बुखार पाया जाता है जिसे एसिंप्टोमेटिक टाइफाइड फीवर कहते हैं

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टाइफाइड कैसे होता है (reason of typhoid in hindi/cause of typhoid)…

टाइफाइड से ग्रसित रोगी के मल मूत्र में टाइफाइड बीमारी के जीवाणु (Salmonella typhi) बहुत अधिक संख्या में होते हैं 

  • इस मल (Stool), मूत्र के संपर्क में आने वाली वनस्पति तथा पानी के इसके द्वारा दूषित (Infected) हो जाने के बाद जब भी कोई स्वस्थ व्यक्ति इस प्रकार के दूषित आहार या जल का सेवन करता है तो इस प्रकार टाइफाइड के बैक्टीरिया उस स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में दाखिल हो जाते हैं तथा उसको संक्रमित कर देते हैं 

संक्रमण के कुछ दिन के बाद उस व्यक्ति में टाइफाइड के लक्षण दिखाई देने लगते है 

इसे टाइफाइड फैलने का Faeco-Oral -Route भी कहते हैं

reason of typhoid in hindi/cause of typhoid
image credit-https://www.sciencedirect.com/

इस प्रकार सही से सावधानियों का पालन ना करने से यह टाइफाइड बुखार एक व्यक्ति से अनेकों व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है

  • टाइफाइड रोग का संक्रमण जानवरों से इंसानों में नहीं फैलता बल्कि इंसानों से इंसानों (human to human) में यह संक्रमण फैलता है

टाइफाइड का निदान(Diagnosis of typhoid fever)…

किसी भी व्यक्ति में ऊपर लिखे लक्षणों के दिखाई देने के बाद टाइफाइड का निदान करने के लिए डॉक्टर के द्वारा प्रमुख रूप से रक्त का परीक्षण तथा कई बार स्टूल टेस्ट व यूरिन टेस्ट आदि करवाया जाता है रक्त की जांच में प्रमुख रूप से…

विडाल टेस्ट (Widal testDiagnosis of typhoid fever

एंटीबॉडी टेस्ट (Widal- igg/igm)

करवा कर टाइफाइड का सही से निदान किया जाता है इन प्रमुख रक्त परीक्षणों के इलावा कुछ सामान्य से अन्य टेस्ट जैसे…

  • CBC  
  • Sgot,Sgpt 
  • Blood urea 
  • Serum Creatinine 
  • Urine culture 
  • Stool culture
  • Bone marrow culture आदि को करवा कर चिकित्सकों द्वारा टाइफाइड की गंभीरता का अंदाजा लगाया जाता है

Widal- igg/igm टेस्ट टाइफाइड का पता लगाने के लिए डॉक्टरों द्वारा आजकल करवाया जाने वाला सबसे सही टेस्ट है इससे टाइफाइड का निदान लगभग हो ही जाता है 

  • सामान्य विडाल टेस्ट (Widal test) से टाइफाइड का निदान कई स्थितियों में सही से नहीं हो पाता

टाइफाइड में आहार (what to eat in typhoid in hindi)…

  • टाइफाइड बुखार में भूख बहुत कम हो जाती है तथा साथ में उल्टी, घबराहट इत्यादि लक्षण भी होते हैं ऐसी स्थिति में सुपाच्य व हल्के आहार खाने की सलाह डॉक्टरों द्वारा दी जाती है

छोटी आंत (Small intestine) में संक्रमण होने के कारण आंत कमजोर पड़ जाती है इसलिए थोड़ी मात्रा में थोड़ी थोड़ी देर बाद लघु आहार का सेवन करना चाहिए 

  • ऐसा कभी भी ना करें कि एक ही बार में ज्यादा व गरिष्ठ आहार (Heavy diet) का सेवन कर लिया जाए ऐसा करने से टाइफाइड के लक्षणों में सुधार होने की बजाए स्थिति और ज्यादा बिगड़ सकती है 
  • आहार के साथ-साथ रोगी को आराम करने की भी जरूरत होती है
  • टाइफाइड के रोगी के आहार में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन तथा चर्बी का सही से संतुलन होना चाहिए

टाइफाइड के रोगी को सही कैलरी युक्त आहार का सेवन करना बहुत जरूरी है क्योंकि टाइफाइड फीवर में कई व्यक्तियों का वजन बहुत कम हो जाता है


Liquid Diet importance in typhoid…

टाइफाइड के रोगी को अत्याधिक तरल पदार्थ जैसे ग्लूकोस, नारियल पानी, ओ आर एस(ORS), जूस इत्यादि का सेवन ज्यादा करना चाहिए क्योंकि टाइफाइड के दौरान कई मरीजों में पानी की कमी (Dehydration) हो जाती है 

  • ज्यादातर तरल पदार्थों का सेवन करने से पानी की कमी को रोका जा सकता है
  • टाइफाइड के रोगी को उबले हुए चावल, खिचड़ी, दलिया इत्यादि जल्दी पचने वाले आहार को थोड़ी मात्रा में थोड़ी थोड़ी देर बाद लेना चाहिए
  • रोगी के आहार (Diet) में प्रोटीन की मात्रा को पूरा करने के लिए हल्की मूंग दाल, फलियां, दही इत्यादि पदार्थों को जरूर शामिल करें
  • टाइफाइड के रोगी को नॉन वेजिटेरियन आहार जैसे चिकन, मटन इत्यादि से परहेज करना चाहिए क्योंकि इनको पचाना थोड़ा मुश्किल होता है
  • देसी घी, मक्खन, मलाई तथा अन्य डेयरी उत्पादों का परहेज कुछ दिनों के लिए टाइफाइड के मरीज को जरूर करना चाहिए

इसके अतिरिक्त तले भुने खाद्य पदार्थ जैसे भुजिया, आलू टिक्की, समोसा तथा अन्य प्रकार के फास्ट फूड्स (Fast foods) का परहेज टाइफाइड के रोगी को करना बहुत जरूरी है

हल्के व सुपाच्य आहार का सेवन करने से टाइफाइड रोग को ठीक करने में तथा रोगी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में बहुत मदद मिलती है

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टाइफाइड की रोकथाम के उपाय (prevention of typhoid)…

  • आहार को अच्छी तरह से पकाकर गर्म रहते ही खाना चाहिए ऐसा इसलिए है क्योंकि उच्च तापमान में टाइफाइड के बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं
  • खाना खाने से पहले हाथों को अच्छी प्रकार साबुन से धोना संक्रमण से बचने का अच्छा उपाय है
  • कच्चे फल तथा सब्जियों को खाने से पहले साफ पानी से अच्छी प्रकार धोना बहुत जरूरी है
  • बाजार में मिलने वाले पेय पदार्थ (Beverages) फैक्ट्री से ही Sealed Containers वाले खरीदने चाहिए
  • खुले हुए पेय पदार्थ जैसे रेहडियो पर मिलने वाले गोलगप्पे का पानी, नींबू पानी या अन्य पेय पदार्थ जिनमें स्वच्छता का ध्यान सही से ना रखा (Lack of proper hygiene) गया हो ऐसे पदार्थों का सेवन करने से टाइफाइड के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है
  • दूध को उबालकर ही पिए
  • Street Foods को जितना हो सके avoid करें 
  • रसोई में बर्तनों को साफ पानी से अच्छी प्रकार धोकर रखना चाहिए
  • अगर किसी के घर में टाइफाइड का मरीज है तो ऐसी स्थिति में उसके शौचालय की सफाई Disinfectants से होना बहुत जरूरी है
  • टाइफाइड के मरीज को घर की अन्य वस्तुओं को छूने से बचना चाहिए
  • संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाली सभी घरेलू वस्तुओं की सफाई अच्छी प्रकार से होनी चाहिए 

पानी की सफाई के लिए घर में R. O. (Reverse Osmosis) की व्यवस्था करें या पीने वाले पानी को उबालकर कीटाणु रहित करें


टाइफाइड टीकाकरण (typhoid vaccination)…

WHO टाइफाइड से बचाव के लिए दो प्रकार की वैक्सीन का इस्तेमाल करने की सलाह देता है…

1. Oral typhoid vaccine –

  • 6 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्तियों को यह वैक्सीन दी जाती है 
  • यह वैक्सीन चार गोलियों के पैक के रूप में आता है जिसमें से तीन गोली को अल्टरनेट days पर इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है  
  • चौथी टेबलेट को किसी भी टाइफाइड प्रभावित क्षेत्र में जाने से 1 सप्ताह पहले लेने की सलाह दी जाती है

यह सभी दवा को खाना खाने से कम से कम एक घंटा पहले सेवन करना जरूरी होता है

2. Typhoid vaccine injection… 

  • इस वैक्सीन का इंजेक्शन आमतौर पर 2 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को लगवाने की सलाह डॉक्टरों द्वारा दी जाती है
  • High risk category मे आने वाले लोगों को इस वैक्सीन को कुछ समय बाद दुबारा लेने की सलाह दी जाती है

बायोवॉक टाइपोड 25mcgइंजेक्शन (Biovac Typhoid 25mcg injection 0.5ml) टाइफाइड की एक वैक्सीन का नाम है जो टाइफाइड फीवर की रोकथाम के लिए recommend की जाती है 

  • इस वैक्सीन के इस्तेमाल से शरीर में टाइफाइड के बैक्टीरिया से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज (Antibodies) विकसित होने लगती हैं
  • जो लोग टाइफाइड के उच्च श्रेणी जोखिम वाले क्षेत्र में रहते हैं उन लोगों को टाइफाइड की वैक्सीन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए 

इसमें एक बात ध्यान देने वाली यह है कि वैक्सीन हमेशा 100% कारगर नहीं होती, कई प्रकार के Cases मे वैक्सीन का इस्तेमाल करने के बाद भी टाइफाइड का संक्रमण हो जाता है परंतु यह कुछ एक मामलों में होता है


टाइफाइड का उपचार (treatment of typhoid)…

टाइफाइड के उपचार के लिए डॉक्टरों के द्वारा दो प्रकार की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है 

  • टाइफाइड के लक्षणों के आधार पर यह तय किया जाता है कि मरीज को खाने वाली दवाई (Oral medicine) देनी है या फिर इंजेक्शन therapy शुरू करनी है 

१. खाने वाली दवाइयां(Oral medicines to cure tified)…

  • ओरल या खाने वाली दवाइयों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयां Antibiotics होती हैं एंटीबायोटिक्स दवाइयों में टाइफाइड के इलाज के लिए सबसे प्रभावी दवाइयां Quinolone ग्रुप की निम्नलिखित दवाइयां हैं…
  • Ciprofloxacin 
  • Ofloxacin 
  • Pefloxacin 
  • Moxifloxacin 

इन दवाइयों में से टाइफाइड के उपचार के लिए डॉक्टरों द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली दवाई Ciprofloxacin है

  • टाइफाइड के रोगी को Ciprofloxacin दवा 1000 से 1500 mg हर रोज divided doses मे 1 से 2 सप्ताह के लिए दी जाती है
  • इस दवा के सेवन से टाइफाइड के लक्षणों में बहुत सुधार देखने को मिलता है
  • Ciprofloxacin दवा मेडिकल स्टोर पर tablet Ciplox 500 mg के नाम से उपलब्ध है

Note

  • Ciprofloxacin दवा का सेवन चिकित्सक के निर्देशानुसार ही करना चाहिए, कृपया अपनी मर्जी से इसका सेवन ना करें अन्यथा लाभ की जगह हानि होने की संभावना बनी रहती है

Ciprofloxacin के अलावा…treatment of typhoid 

  • Chloramphenicol
  • Azithromycin
  • Cefixime 
  • Cefpodoxime 
  • Cefuroxime axetil आदि एंटीबायोटिक्स दवाएं भी टाइफाइड के उपचार में बहुत कारगर हैं

इसमें एक बात ध्यान देने वाली यह है कि इन दवाइयों में से टाइफाइड के रोगी को कौन सी दवाई ज्यादा काम करेगी इस बात का निर्धारण केवल डॉक्टर ही कर सकता है आप खुद से इस बात का निर्धारण नहीं कर सकते

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२. सूचीवेध चिकित्सा (Injection therapy to cure tified)…

टाइफाइड की समस्या गंभीर होने पर जब Oral  मेडिसिन से ज्यादा लाभ ना मिल रहा है तो ऐसी स्थिति में चिकित्सकों द्वारा इंजेक्शन थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है

  • Cephalosporins ग्रुप में आने वाले कई प्रकार के साल्ट टाइफाइड के इलाज में 100% कारगर हैं
  • Ceftriaxone नामक दवा इसी ग्रुप की है जिसका इस्तेमाल पूरी दुनिया में टाइफाइड को ठीक करने के लिए इंजेक्शन के रूप में सबसे ज्यादा किया जाता है
  • Ceftriaxone साल्ट का सही व Exact dose मे  इस्तेमाल करने से टाइफाइड फीवर 100% ठीक हो जाता है 
  • इस Ceftriaxone दवा 25 से 50 mg/kg/day मात्रा के हिसाब से दिन में दो से तीन बार मरीज को Slow IV इंजेक्शन के रूप में 5 से 7 दिन के लिए दी जाती है

इस दवा की खास बात यह है कि इसके सेवन के बाद टाइफाइड के दोबारा होने (relapse) के chances बहुत कम हो जाते हैं

typhoid in hindi
image credit- https://www.netmeds.com/

Ceftriaxone साल्ट के मार्केट में उपलब्ध कुछ Brands…

  • Monocef 125 mg ,500 mg ,1gm Injection by Aristo pharma 
  • Monocef-sb 1gm by Aristo pharma 
  • Mahacef 250mg ,500mg, 1gm injection by Mankind pharma 
  • Incef 250mg, 500mg, 1gm injection by Intra lab 
  • Corcef 250mg, 500mg, 1gm injection by Corona remedies 
  • Cafzone 250mg, 1gm injection by Ind-Swift 
  • Cefast 125mg, 250mg, 500mg, 1gm injection by Alkem 
  • Cefaxone injection by Lupin 

ध्यान दें- 

  • यह इंजेक्शन केवल रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर (RMP) के द्वारा ही प्रिसक्राइब किए जाते हैं इसलिए अपनी मर्जी से कोई भी मरीज इनका इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें

इन दवाइयों के साथ-साथ रोगी के लक्षणों में सुधार करने के लिए अन्य प्रकार की दवाइयां जैसे पेरासिटामोल, Steroids, मल्टीविटामिन इत्यादि का इस्तेमाल चिकित्सकों द्वारा किया जाता है


टाइफाइड का आयुर्वेदिक उपचार…

आयुर्वेद में टाइफाइड को आंत्र ज्वर कहा जाता है तथा इसका कारण वात पित्त कफ दोषों के प्रकोप को माना जाता है टाइफाइड के उपचार के लिए नीचे दिया गया आयुर्वेदिक नुस्खा काफी कारगर है

  • खूबकला का पाउडर या बीज- 2 से 3 ग्राम 
  • अंजीर- 3 से 5 की संख्या में
  • मुनक्का- 5 से 10 तक की संख्या में

ऊपर लिखी तीनों चीजों को 400 ग्राम पानी में डालकर हल्की आंच पर गर्म करें जब 100 ग्राम पानी शेष रह जाए तो इस मिश्रण को चूल्हे से उतारकर हाथों से अच्छी प्रकार मसल कर इसको छान लें

  • इस मिश्रण का सेवन सुबह शाम 50 से 100 मिलीलीटर की मात्रा में खाना खाने से आधा घंटा पहले 5 से 7 दिन लगातार करें ऐसा करने से टाइफाइड के लक्षणों में बहुत सुधार होता है
  • कुछ मामलों में 15 से 30 दिन तक इस मिश्रण का सेवन करवाया जा सकता है

इस मिश्रण को ज्यादा असरदार बनाने के लिए इसमें तुलसी की पांच से सात पत्तियां तथा छोटी सी डंडी गिलोय की भी डाल सकते हैं

इस मिश्रण के सेवन के दौरान आहार-विहार का सही से ध्यान दें, आराम करें व लघु सुपाच्य आहार ग्रहण करें


गिलोय का सेवन…

आयुर्वेद में गिलोय को रसायन मानते हैं तथा यह टाइफाइड बुखार के साथ-साथ अन्य प्रकार के बुखार जैसे डेंगू, मलेरिया इत्यादि के इलाज में बहुत कारगर हैगिलोय का सेवन

  • गिलोय में Antipyretics गुण होते हैं जिससे बुखार को उतारने में बहुत मदद मिलती है
  • टाइफाइड के मरीज को सुबह शाम दिन में दो बार गिलोय का काढ़ा बनाकर लगभग 25 से 30 ml की मात्रा में सेवन करवाने से टाइफाइड के लक्षणों में बहुत सुधार होता है
  • इसके लिए ताजी गिलोय का दातुन के आकार का टुकड़ा ले तथा उसको छोटे-छोटे हिस्सों में काट लें इसके बाद 200 से 250 ml पानी में इन टुकड़ों को कूट कर डाल दे तथा हल्की आंच पर गर्म होने दे 
  • थोड़ी देर बाद जब एक चौथाई पानी शेष रह जाए तो इसे छानकर कांच के गिलास में रखें तथा इसका सेवन टाइफाइड के मरीज को दिन में दो बार जरूर करवाएं

आजकल बाजार में गिलोय स्वरस, गिलोय वटी, गिलोय सत्व अनेक प्रकार की गिलोय से बनने वाली अनेकों आयुर्वेदिक दवाइयां उपलब्ध हैं 

इन दवाइयों का सेवन टाइफाइड के मरीज को आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से अवश्य करना चाहिए


टाइफाइड के टोटके व घरेलू उपाय (home remedies for typhoid in hindi)…

टाइफाइड का उपचार करने के लिए जिन भी घरेलू उपायों का इस्तेमाल किया जाता है उनसे टाइफाइड पूरी तरह से ठीक करना बहुत मुश्किल है परंतु यह घरेलू उपाय टाइफाइड के उपचार के लिए काफी सहायक होते हैं यह उपाय इस प्रकार है…

विभिन्न प्रकार के फलों के रस…

टाइफाइड के मरीज अक्सर ही डिहाइड्रेशन यानि पानी की कमी का शिकार हो जाते हैं 

  • ऐसी स्थिति में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए अलग-अलग प्रकार के फलों का रस जैसे अनार का जूस, मौसमी का जूस इत्यादि पेय पदार्थ बहुत लाभदायक सिद्ध होती है 
  • इससे मरीज के शरीर में टाइफाइड से लड़ने की शक्ति उत्पन्न होती है  
  • साथ ही साथ इन फलों के जूस में अनेकों प्रकार के खनिज लवण मौजूद होते हैं जिनसे टाइफाइड के कारण होने वाली शारीरिक क्षति को बड़ी आसानी से दूर किया जा सकता है

इसमें एक बात ध्यान देने वाली यह है कि जूस के लिए हमेशा ताजे फलों का ही इस्तेमाल करें तथा पूरी स्वच्छता बनाए रखें


तुलसी के रस का सेवन…

  • आयुर्वेद में तुलसी के रस को अनेक प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए बहुत ही कारगर बताया गया है

टाइफाइड के मरीज को तुलसी तथा सूरजमुखी के पत्तों का रस निकालकर उसका सेवन करने से बहुत लाभ मिलता है ज्यादा जानकारी के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है


सेब के रस का सेवन…

  • ताजे सेब का जूस निकालकर उसे अदरक के रस में मिलाकर टाइफाइड के रोगी को पिलाने से उसका बुखार कम करने में बहुत मदद मिलती है

टाइफाइड के इलाज में लहसुन…

आयुर्वेद में लहसुन को एंटीबायोटिक माना जाता है तथा इसकी तासीर भी गर्म होती है 

  • 5 से 7 लहसुन की कलियों को पीसकर देसी घी में तले तथा उसके बाद थोड़ा-सा सेंधा नमक उन पर लगा कर उसका सेवन करने से टाइफाइड के रोगी को आराम मिलता है

ठंडे पानी की पट्टी का इस्तेमाल…

  • टाइफाइड के मरीज को अगर बुखार ज्यादा हो तो ऐसी स्थिति में मरीज के माथे पर, हाथों पैरों के तलवों पर तथा नाभि पर ठंडे पानी की पट्टियां रखें ऐसा करने से टाइफाइड के कारण होने वाले बुखार को उतारने में बहुत मदद मिलती है

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शहद का सेवन…

  • टाइफाइड के रोगी को एक चम्मच शुद्ध शहद को गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में एक या दो बार देने से टाइफाइड के लक्षणों में काफी फायदा होता है

डॉक्टर के पास कब जाए?

तेज बुखार, सिर दर्द, उल्टी, घबराहट व हाथों पैरों में दर्द इत्यादि लक्षण होने पर तुरंत ही अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क कर अपनी बीमारी का सही से निदान करवा कर उसका सही से इलाज करवाना बहुत जरूरी है

विलंब करने से सामान्य टाइफाइड बुखार धीरे धीरे Multidrug resistant typhoid fever (MDR typhoid fever) मे बदल सकता है 

  • इस प्रकार के टाइफाइड बुखार का इलाज करना डॉक्टरों के लिए भी बहुत मुश्किल हो जाता है तथा साथ ही साथ इसकी गंभीर जटिलताएं (Serious complications) होने का रिस्क भी बढ़ जाता है

ऐसी स्थिति उत्पन्न ना हो इसलिए तुरंत ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें


टाइफाइड के नुकसान(Complications of typhoid in hindi)….

  • टाइफाइड का इलाज सही समय पर ना करवाने से छोटी आंत से लेकर शरीर के अन्य अंगों मे अत्यधिक कमजोरी आ जाती है जिस वजह से अनेक प्रकार की गंभीर जटिलताएं (Serious complications) हो सकती हैं जिससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है जैसे कि

१. Intestinal Perforation… 

  • यह एक बहुत ही गंभीर टाइफाइड की Complication है जिसमें टाइफाइड के मरीज की छोटी आंत में सुराख हो जाता है जिस कारण उस व्यक्ति की जान जाने का जोखिम हो जाता है
  • यह स्थिति टाइफाइड के बहुत ही कम Cases मे देखने को मिलती है 

ऐसी स्थिति कभी भी उत्पन्न ना हो इसलिए टाइफाइड का इलाज सही समय पर करवाएं


२. Intestinal Haemorrhage… 

  • इस स्थिति में टाइफाइड के मरीज को कई बार पेट के अंदर रक्त स्त्राव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसका तुरंत इलाज करवाना पड़ता है ऐसा ना करने से मरीज की जान भी जा सकती है

यह Complication ज्यादातर मामलों में intestinal perforation के साथ ही होती है


३. Typhoid Encephalopathy...

  • टाइफाइड का संक्रमण खून में बहुत अधिक बढ़ जाने पर कई बार यह रोगी के मस्तिष्क को भी प्रभावित कर देता है

ऐसी स्थिति में टाइफाइड का मरीज बेहोशी (Coma) की हालत में जा सकता है यह भी एक Serious Complication है


४. Paralytic ileus… 

टाइफाइड की यह Complication भी Intestinal perforation के जैसे ही होती है जो कि काफी सीरियस मानी जाती है टाइफाइड के बहुत ही कम मामलों में यह स्थिति पाई जाती है

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FAQs(टाइफाइड)…. 

Q.1 टाइफाइड बुखार में कौन सा फल खाना चाहिए?

Ans- टाइफाइड के मरीज संतरा, मुसम्मी, सेब, चीकू, केला, पपीता आदि फलों का सेवन कर सकते हैं इसके साथ साथ दलिया, खिचड़ी, हल्की दाल, पालक, फूल गोभी, पत्तागोभी का इस्तेमाल भी टाइफाइड के रोगी कर सकते हैं


Q.2 क्या टाइफाइड मे दूध पीना चाहिए?

Ans- दूध को अच्छी प्रकार से उबालकर उसका सेवन टाइफाइड में किया जा सकता है दूध के साथ साथ दही का इस्तेमाल भी टाइफाइड में किया जा सकता है


Q.3 टाइफाइड में क्या परेशानी होती है?

Ans- टाइफाइड के मरीज को बुखार, सिरदर्द, शरीर में थकावट का एहसास, बुखार के कारण शरीर का टूटना, अत्यधिक कमजोरी काफी महसूस होती है

इसके अतिरिक्त टाइफाइड के रोगी की त्वचा पर लाल रंग के Rashes भी हो जाते हैं


Q.4 टाइफाइड में रोटी खा सकते हैं क्या?

Ans- टाइफाइड के मरीज को स्ट्रीट फूड तथा जंक फूड से परहेज करना चाहिए, टाइफाइड के मरीज पतली रोटी हल्की पतली मूंगदाल के साथ खा सकते हैं इसके साथ साथ तरल पदार्थों का सेवन भी ज्यादा मात्रा में करना जरूरी है


Q.5 टाइफाइड बुखार में क्या परहेज करना चाहिए?

Ans- टाइफाइड के रोगी को रिफाइंड प्रोसैस्ड फूड, फास्ट फूड, स्ट्रीट फूड, लाल मिर्च, गरम मसाला, खटाई, अंडे, मांस, मछली, ज्यादा घी में तले भुने हुए खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए


Q.6 टाइफाइड किसकी कमी से होता है?

Ans- टाइफाइड एक संक्रामक रोग है जोकि सालमोनेला टायफी तथा सालमोनेला पैराटाइफी के संक्रमण के कारण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को होता है

यह संक्रमण दूषित जल व आहार का सेवन करने से फैलता है किसी पदार्थ की कमी से टाइफाइड नहीं होता


Q.7 टाइफाइड को जड़ से खत्म कैसे करें?

Ans- अंग्रेजी दवाइयां जैसे Ciprofloxacin,Azithromycin व Ceftriaxone का सही से इस्तेमाल करने से टाइफाइड को जड़ से खत्म किया जा सकता है यह कार्य केवल दक्ष चिकित्सक ही कर सकता है

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Q.8 टाइफाइड में कौन सा काढ़ा पीना चाहिए?

Ans- टाइफाइड को दूर करने के लिए गिलोय का काढ़ा सबसे कारगर होता है


Q.9 टाइफाइड में गिलोय का उपयोग कैसे करें?

Ans- लगभग 40 से 50 ग्राम गिलोय को अच्छी प्रकार से मसल कर मिट्टी के बर्तन में 250 मिलीलीटर पानी में भिगोकर रात को पड़ा रहने दे सुबह होने पर इस मिश्रण को छानकर 20 मिलीलीटर की मात्रा में दिन में दो से तीन बार प्रयोग करने से टाइफाइड में बहुत फायदा होता है


Q.10 टाइफाइड की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

Ans- टाइफाइड के इलाज में सबसे प्रभावी एंटीबायोटिक्स दवाइयां हैं इन दवाइयों में Ciprofloxacin, Ofloxacin, Azithromycin तथा Ceftriaxone सबसे ज्यादा प्रभावी एंटीबायोटिक्स दवाएं है


Q.11 टाइफाइड को हिंदी में क्या कहते हैं?

Ans- टाइफाइड को आंत्र ज्वर तथा मियादी बुखार के नाम से जाना जाता है


Q.12 टाइफाइड से मानव शरीर का कौन सा अंग प्रभावित होता है?

Ans- टाइफाइड एक संक्रामक रोग है इससे मनुष्य के शरीर मे प्रमुख रूप से छोटी आंत तथा इसके साथ साथ कई बार यकृत, प्लीहा, मांसपेशियां इत्यादि प्रभावित होती हैं


Q.13 टाइफाइड की आयुर्वेदिक दवा कौन सी है?

Ans- आयुर्वेद में गिलोय वटी, गिलोय सत्व, गिलोय स्वरस, महासुदर्शन चूर्ण इत्यादि दवाओं का प्रयोग टाइफाइड के इलाज के लिए किया जाता है


Q.14 टाइफाइड बुखार की पहचान क्या है?

Ans- बुखार के साथ-साथ सिर दर्द, शरीर के अन्य हिस्सों में वेदना, कमजोरी, थकान, पेटदर्द, मुंह का स्वाद कड़वा होना तथा लाल रंग के दाने शरीर पर होना आदि लक्षण टाइफाइड की निशानी हो सकते हैं


Q.15 टाइफाइड बुखार कितने दिन में ठीक हो जाता है?

Ans- सही से इलाज करवाने पर 7 से 14 दिनों में टाइफाइड बुखार बिल्कुल ठीक हो जाता है टाइफाइड के लक्षणों में सुधार 3 से 5 दिनों में होने लगता है


Q.16 टाइफाइड बुखार की दवा पतंजलि वाली क्या है?

Ans- गिलोय घनवटी तथा दिव्य ज्वरनाशक क्वाथ टाइफाइड के उपचार के लिए पतंजलि द्वारा बनाई गई आयुर्वेदिक दवाएं हैं यह दवाएं डेंगू तथा चिकनगुनिया जैसे वायरल संक्रमण को ठीक करने के लिए भी कारगर हैं


निष्कर्ष (typhoid in hindi)…

टाइफाइड S. Typhi के संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है जिसका संक्रमण स्वच्छता का सही से ध्यान ना देने के कारण फैलता है 

  • इसलिए इस बीमारी को रोकने के लिए खाना खाने से पहले तथा Toilet जाने के बाद अपने हाथों को साबुन से 2 मिनट तक अच्छी प्रकार से धोएं 

अगर किसी को टाइफाइड का संक्रमण हो गया है तो ऐसी स्थिति में एंटीबायोटिक्स दवाइयों का सही कोर्स डॉक्टर के कहे अनुसार करें बीच में दवाई को ना छोड़े

ऐसा देखा गया है कि टाइफाइड के ज्यादातर मामलों में यह टाइफाइड बुखार उस व्यक्ति को फिर से (Relapse of typhoid) किसी को 6 महीने बाद किसी को 1 साल बाद हो जाता है 

  • इसका सबसे प्रमुख कारण एंटीबायोटिक दवाइयों का कोर्स सही ढंग से ना करना है 

इसलिए एंटीबायोटिक्स दवाइयों का इस्तेमाल डॉक्टर के कहे अनुसार सही ढंग से करें ताकि इस रोग को समूल नष्ट किया जा सके

  • बाकी टाइफाइड की रोकथाम के लिए वैक्सीन उपलब्ध है लेकिन हर व्यक्ति को यह वैक्सीन लेने की जरूरत नहीं होती केवल वही व्यक्ति इस वैक्सीन का इस्तेमाल करें जो टाइफाइड के उच्च श्रेणी जोखिम वाले क्षेत्र में रहते हैं या उन्हें ऐसे क्षेत्र में जाना पड़ता है जहां पर टाइफाइड के मामले बहुत अत्यधिक हो

अस्वीकरण (disclaimer)… 

  • इस article में बताई गई बातें, उपचार के तरीके व खुराक (dose) की जो भी advise दी जाती है वह सब हेल्थ स्पेशलिस्टस के अनुभव पर आधारित होती है 
  • किसी भी मशवरे को अपनाने से पहले अपने doctor से consult जरूर कर ले, सेहत से related आर्टिकल्स आपको अपने आप अपनी मर्जी से medicine का इस्तेमाल करने की सलाह नहीं देते

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  • “ typhoid in hindi- टाइफाइड कारण, लक्षण, बचाव व् उपचार के सारे विकल्प” के लेखक: Dr V. K. GOYAL आयुर्वेदाचार्य B.A.M.S. M.D.(AM)
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सन्दर्भ:

 

https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/typhoid-fever/symptoms-causes/syc-20378661- about almonella typhi study

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7754788/– complications,mortality of typhoid

https://med.stanford.edu/news/all-news/2013/08/scientists-get-a-handle-on-what-made-typhoid-marys-infectious-microbes-tick.html– asymptomatic carriers typhoid

https://microbiologyinfo.com/widal-test-introduction-principle-procedure-interpretation-and-limitation/– typhoid widal test

https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12592993/- typhoid antibody test

https://www.healthline.com/health/typhoid#vaccination– typhoid vaccination

https://www.tandfonline.com/doi/abs/10.1080/00365549850160639?journalCode=infd19- ciprofloxacin use in typhoid

https://academic.oup.com/jtm/article/24/6/tax063/4339101?login=false- encephalitis typhoid fever


 

 

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