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malaria hindi

malaria hindi- मलेरिया-कारण-लक्षण-रोकथाम व् उपचार

मलेरिया क्या है (malaria hindi)…

मलेरिया प्लाज्मोडियम (plasmodium) नामक पैरासाइट (प्रोटोजोआ) के संक्रमण से होने वाला एक रोग है

  • प्लाज्मोडियम पैरासाइट से संक्रमित मादा एनोफिलीस (female anopheles) नामक मच्छर के काटने से मलेरिया मनुष्य में होता है
  • यह मच्छर आमतौर पर रात को ही काटता है 
  • मलेरिया ज्यादातर बरसात के मौसम में फैलता है क्योंकि बरसात का पानी गड्ढों, नालियों, गमलों इत्यादि में जमा हो जाता है जो कि मच्छर के पनपने की मुख्य पसंदीदा जगह है
  • मलेरिया का संक्रमण हमारे शरीर के यकृत (Liver) तथा लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) पर मुख्य रूप से अटैक करता है
  • संक्रमित मच्छर के काटने के 7 से 15 दिन के बाद मलेरिया के लक्षण रोगी में दिखाई देने लगते हैं हालांकि कुछ लोगों में यह लक्षण महीने बाद दिखाई देते हैं

इसमें एक बात ध्यान देने वाली यह है कि मलेरिया का संक्रमण बिना लक्षणों के भी रोगी के शरीर में 1 साल तक रह सकता है


मलेरिया कैसे फैलता है…

Maleria का संक्रमण ब्लड ट्रांसफ्यूजन (blood transfusion) के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति मे फैलता है

  • जब मादा एनाफिलीज मच्छर मलेरिया से संक्रमित किसी रोगी को काटता है तो इस प्रकार यह संक्रमण उस मच्छर में पहुंच जाता है  
  • वही संक्रमित मच्छर जब स्वस्थ मनुष्य को काट लेता है तो इस प्रकार से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में मलेरिया का संक्रमण पहुंच जाता है

मलेरिया के संक्रमण को फैलाने का मुख्य माध्यम मादा एनाफिलीज मच्छर ही है

  • इसके अतिरिक्त मलेरिया से संक्रमित गर्भवती महिला से यह संक्रमण पेट में पल रहे बच्चे को भी हो सकता है

जिस व्यक्ति को मलेरिया हुआ हो, वह व्यक्ति 1 साल तक ब्लड डोनेट (blood donate) नहीं कर सकता


मलेरिया की जांच के लिए ब्लड टेस्ट…

मलेरिया रोग का सही से निदान करने के लिए निम्नलिखित रक्त जांच करवाई जाती है जैसे कि…

१. Blood smear-MP (Malaria parasite)…

मलेरिया के निदान (Diagnosis) के लिए मुख्य रूप से करवाया जाने वाला ब्लड का टेस्ट है 

इस टेस्ट के माध्यम से खून का स्लाइड पर smear बनाकर फिर उसको माइक्रोस्कोप से अच्छी प्रकार जांच किया जाता है 

  • इस तरह लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद प्लाज्मोडियम पैरासाइट का पता लगाया जाता है 

यह टेस्ट बहुत सस्ता होता है और इसका रिजल्ट भी अच्छा है

२. Malaria Antigen test (P vivax/P falciparum)…

यह प्रेगनेंसी किट की तरह रैपिड किट से किया जाने वाला ब्लड का टेस्ट है 

  • इस टेस्ट का रिजल्ट मात्र 5 से 10 मिनट में मिल जाता है
  • इस रक्त जांच के माध्यम से रक्त में मौजूद प्लाज्मोडियम पैरासाइट के एंटीजन (Antigen) का पता लगाया जाता है 
  • यह काफी सटीक (Accurate) टेस्ट है यह टेस्ट ऊपर वाले टेस्ट से थोड़ा महंगा होता है

इस टेस्ट की मदद से मलेरिया का निदान तुरंत ही हो जाता है

३. Malaria RT- PCR टेस्ट…

  • मलेरिया का पता लगाने के लिए यह टेस्ट भी किया जाता है जोकि एंटीजन एंटीबॉडी पर आधारित है 

इस टेस्ट का इस्तेमाल बहुत ही कम (Rare) मामलों में किया जाता है


मलेरिया के लक्षण (malaria symptoms in hindi)…

वैसे तो मलेरिया रोग में अनेक प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं परंतु मुख्य रूप से जो लक्षण होता हैं वह इस प्रकार हैं जैसे कि…

Fever with chills and rigor… 

  • मलेरिया का संक्रमण होने के कुछ दिन बाद मरीज को बहुत अत्यधिक ठंड तथा कंप-कम्पी के साथ बुखार आता है 
  • यह बुखार 104 – 105 डिग्री फारेनहाइट तक पहुंच जाता है 
  • 3 से 4 घंटे तक बुखार बना रहता है  
  • उसके बाद बहुत अत्यधिक पसीना आने के साथ बुखार उतर जाता है
  • यह प्रक्रिया कई रोगियों में दिन में दो बार, किसी रोगी में एक दिन छोड़कर या 2 से 3 दिन छोड़कर होती है

यह लक्षण मलेरिया बुखार का सबसे प्रमुख लक्षण है कई बार इसी लक्षण को देखकर डॉक्टर मरीज में मलेरिया का संक्रमण होने का सही अंदाजा लगा लेते हैं

मलेरिया के अन्य लक्षण…

  • सिरदर्द के साथ साथ हाथों तथा पैरों में खासकर जोड़ों में तेज दर्द होना
  • उल्टी, घबराहट या जी मिचलाना
  • कमजोरी व अत्यधिक थकान महसूस होना
  • शरीर में रक्त की कमी होना
  • सांस फूलना

आंखों की पुतलियों का रंग पीला पड़ जाना इतियादी


मलेरिया बुखार के प्रकार…

मलेरिया रोग का प्रमुख कारक प्लाज्मोडियम पैरासाइट होता है

प्लाज्मोडियम पैरासाइट पांच प्रकार का होता है इसीलिए मलेरिया बुखार भी 5 तरह का होता है

  • 1. प्लाज्मोडियम वाइबैक्स (Plasmodium Vivax)
  • 2. प्लाज्मोडियम ओवेल (Plasmodium Ovale)
  • 3. प्लाज्मोडियम फैंलसीपैरम (Plasmodium Falciparum)
  • 4. प्लाज्मोडियम मलेरियाई (Plasmodium Malariae)
  • 5. Plasmodium knowlesi

१. Plasmodium Vivax… 

  • मलेरिया के मामलों में सबसे ज्यादा मलेरिया का संक्रमण इसी प्रकार के कारण होता है
  • यह कम खतरनाक होता है
  • सही इलाज से आसानी से ठीक हो जाता है

२. Plasmodium Ovale… 

  • इस प्रकार के मलेरिया के संक्रमण के मामले भारतवर्ष में बहुत ही कम या कहें ना के बराबर होते हैं

३. Plasmodium Falciparum… 

  • यह मलेरिया का बहुत ही खतरनाक प्रकार है 
  • मलेरिया के कारण सबसे ज्यादा मौतें इसी प्रकार के संक्रमण के कारण होती हैं 
  • प्लाज्मोडियम vivax के संक्रमण के बाद दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला मलेरिया का प्रकार है 
  • इस प्रकार के मलेरिया में भी तेज सिरदर्द, बुखार, उल्टी तथा दिमागी लक्षण होते हैं
  • यह मलेरिया रोगी के मस्तिक को प्रभावित कर उसे बेहोश तथा बेसुध कर देता है

४. Plasmodium Malariae… 

यह मलेरिया अन्य तरह के मलेरिया के संक्रमण से कम खतरनाक होता है इसके मामले भी कम ही पाए जाते हैं

५. Plasmodium knowlesi…

दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाने वाला मलेरिया का पैरासाइट है इस पैरासाइट को primate malaria parasite कहते हैं

इस प्रकार के संक्रमण से ग्रसित रोगी को ठंड लगने के साथ बुखार आता है तथा कमजोरी, भूख ना लगना, सिरदर्द आदि अन्य लक्षण भी पाए जाते हैं


मलेरिया की रोकथाम के तरीके व सावधानियां (prevention of malaria in hindi)…

  • घरों के आसपास कूड़ा-कचरा इत्यादि को जमा ना होने दें
  • डीडीटी (DDT) कीटनाशक का छिड़काव घरों के आसपास मच्छरों के पनपने वाली जगह पर थोड़े थोड़े दिन छोड़कर करते रहे
  • घरों के आसपास नालियों में, गड्ढों में, बेकार पड़े खाली डिब्बों में, गमलों में, कूलर की टंकी में, टायर ट्यूब आदि में पानी को जमा ना होने दें
  • सप्ताह में कम से कम एक बार पानी से भरी टंकी, कूलर, मटके इत्यादि को खाली कर सुखा दें तथा उसकी पूरी सफाई करें
  • जिस जगह पर पानी को एकत्रित होने से रोका ना जा सके उस जगह के पानी पर मिट्टी का तेल इत्यादि का छिड़काव करें
  • शाम के समय घर के खिड़की, दरवाजे बंद रखें तथा खिड़कियों, दरवाजों पर जालियां लगवाएं
  • रात को सोते समय फुल बाजू के कपड़े पहने
  • ज्यादा मच्छर होने पर बढ़िया मच्छरदानी का उपयोग करें या मच्छर निवारक क्रीम (odomos), मच्छरों को भगाने के लिए ऑल आउट (all-out) का इस्तेमाल करें
  • मच्छरों से बचने के लिए हाथों तथा पैरों पर सरसों का तेल लगाएं
  • मलेरिया रोग के प्रकोप के समय एंटीमलेरियल ड्रग्स (anti-malarial-drugs) का इस्तेमाल मलेरिया से बचने (prophylaxis) के लिए करें

मच्छरों को भगाने के लिए कछुआ छाप अगरबत्ती का इस्तेमाल करें


मलेरिया रोग मे मच्छर की भूमिका का पता लगाने वाले…

सन 1894 ईस्वी में भारतीय सेना के एक डॉक्टर सर रोनाल्ड रोज (Sir Ronald Ross) ने पता लगाया कि मलेरिया रोग मच्छर के काटने से फैलता है इसके लिए उन्हें सन 1902 मे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था


मलेरिया का उपचार (malaria treatment in hindi)…

Plasmodium Vivax नामक मलेरिया सबसे ज्यादा लोगों को भारतवर्ष में प्रभावित करता है इसके उपचार के लिए मुख्य रूप से प्रयोग की जाने वाली दवाई का नाम Chloroquine Phosphate है 

  • Tablet Lariago DS नाम से यह दवा मेडिकल स्टोर्स पर उपलब्ध है
    malaria hindi
    image credit-https://www.netmeds.com/

Lariago DS Tablet की Dose…. 

First day… 

  • पहली खुराक मे 1000 mg यानि दो टेबलेट इकट्ठे दी जाती है
  • दूसरी खुराक में 500 mg की एक गोली पहली खुराक से 6 घंटे बाद दी जाती है
  • यह खुराक मात्रा पहले दिन की है पहले दिन Tablet Lariago DS की कुल 3 गोलियां दी जाती है

Second day… 

  • दूसरे दिन Tablet Lariago DS 500mg की तीसरी खुराक पहली खुराक के 24 घंटे बाद चौथी गोली के रूप में दी जाती है

Third day… 

  • तीसरे दिन Tablet Lariago DS 500mg की चौथी खुराक पहली खुराक से 48 घंटे बाद 5th गोली के रूप में दी जाती है

इस प्रकार मरीज को 3 दिन में Tablet Lariago DS 500mg की कुल 5 गोलियां दी जाती है

  • Tablet Lariago DS का Strip 5 गोलियों का होता है तथा उस पर उसके सेवन की विधि सही प्रकार से लिखी रहती है
malaria treatment in hindi
image credit-https://www.indiamart.com/

Tablets Primaquine phosphate IP जोकि Ipca कंपनी की Tablet MALIRID- DS के नाम से मेडिकल स्टोर्स पर उपलब्ध है 

  • इसका सेवन भी एक गोली हर दिन 15 दिन के लिए टेबलेट Lariago DS के साथ-साथ मलेरिया के रोगी को दी जाती है

इन दवाइयों का सेवन मीठे दूध के साथ करना चाहिए


Plasmodium falciparum मलेरिया का उपचार…

Plasmodium falciparum मलेरिया का उपचार
image credit-https://magicpills.in/

इस प्रकार के मलेरिया में Tablet Lumerax-80 (Artemether & Lumefantrine) by Ipca pharma नामक दवा का इस्तेमाल किया जाता है

मात्रा… 

  • इस टेबलेट को 3 दिन सुबह शाम खुराक मात्रा के हिसाब से मलेरिया के मरीज को मीठे दूध के साथ दिया जाता है
  • इस दवा के साथ भी Tablet MALIRID-DS 15 mg कुछ दिनों के लिए डॉक्टरों द्वारा प्रिस्क्राइब की जाती है

इस उपचार के अलावा मलेरिया के रोगी को लक्षणों के आधार पर बाकी दवा दी जाती है जैसे कि…

  • तेज बुखार को ठीक करने के लिए Tablet Paracetamol 500 से 650 mg (Tablet Dolo-650 by micro pharma) की मात्रा दिन में दो से तीन बार तक का दी जा सकती है
  • उल्टी घबराहट इत्यादि लक्षणों को ठीक करने के लिए Tablet Pantoprazole + Domperidone (Tablet Pantop D) दिन में एक से दो बार दी जा सकती है

अत्यधिक कमजोरी व थकान को दूर करने के लिए ORS solution या ग्लूकोस को दिन में दो से तीन बार पीने की सलाह डॉक्टरों द्वारा दी जाती है

विशेष सावधानी…

गर्भवती स्त्रियां, छोटे बच्चे, स्तनपान कराने वाली महिलाएं ऊपर लिखी मलेरिया की दवाओं का इस्तेमाल बिल्कुल भी ना करें 

ज्यादा जरूरत पड़ने पर अपने डॉक्टर से परामर्श कर कोई निर्णय लेना चाहिए


FAQs… 

Q. मलेरिया के स्पष्ट लक्षण होने पर ब्लड टेस्ट में मलेरिया ना आए तो ऐसी स्थिति में क्या करें?

Ans- ऐसी स्थिति में डॉक्टरों द्वारा मरीज को Tablet Chloroquine 250 mg सुबह शाम दूध के साथ 5 दिन के लिए लेने की सलाह दी जाती है इससे मलेरिया के लक्षण ठीक हो जाते हैं


मलेरिया रोग के कारण होने वाले नुकसान (complications of malaria)…

१. Cerebral malaria- 

मलेरिया के संक्रमण के कारण कई व्यक्तियों के मस्तिष्क में सूजन (inflammation) तथा क्षति की स्थिति उत्पन्न हो जाती है 

जिस कारण ग्रसित व्यक्ति कोमा (coma) में भी जा सकता है ऐसी स्थिति बहुत ही खतरनाक है इसे सेरेब्रल मलेरिया भी कहते हैं

२. सांस लेने में परेशानी होना- 

मलेरिया के संक्रमण के कारण कई व्यक्तियों के फेफड़ों में द्रव के संचित होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है सही से इलाज ना करने पर यह स्थिति बहुत ही खतरनाक तथा जानलेवा भी हो सकती है

३. Organ failure- 

मलेरिया की वजह से कई रोगियों के यकृत, स्प्लीन या गुर्दे आदि अंग अपना कार्य करने में विफल हो जाते हैं यह स्थिति भी काफी खतरनाक होती है

४. Anemia- 

एनीमिया यानि खून की कमी होना ,ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मलेरिया का संक्रमण विशेष रुप से लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट कर देता है जिस कारण शरीर में खून की कमी हो सकती है

५. Low blood glucose levels- 

मलेरिया के कारण कई रोगियों में रक्त शर्करा का स्तर काफी गिर जाता है जिस वजह से उस रोगी की स्थिति बहुत खतरनाक हो जाती है ऐसी स्थिति में रोगी की जान जाने का खतरा भी बना रहता है


आंकड़े…

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2016 में प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के अनुसार मलेरिया के 21 करोड़ मामले देखे गए हैं जिनमें से 42,000 रोगियों की मृत्यु हुई है

  • मलेरिया रोग का 2015 में ट्रांसमिशन 91 क्षेत्रों तथा देशों में हुआ था

WHO के अनुसार मलेरिया रोग के दक्षिण पूर्व एशिया में कुल 77 प्रतिशत मामले अकेले भारत देश में है

जिसमें से पूर्वोत्तर राज्य मध्य प्रदेश, ओड़िशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, गोवा, कर्नाटक, राजस्थान, गुजरात में मलेरिया का संक्रमण अधिक है


Disclaimer (malaria hindi)… 

इस आर्टिकल में दी गई दवाइयों की जानकारी आपको या आपके द्वारा किसी और को खुद से (Self medication) अपनी मर्जी से दवा लेने की सलाह नहीं देती है 

  • किसी भी प्रकार की स्थिति में कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें

यदि कोई व्यक्ति इस आर्टिकल को पढ़कर खुद से किसी दवा का इस्तेमाल करता है तो ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार के नुकसान के लिए वह खुद ही जिम्मेदार होगा धन्यवाद

“malaria hindi” information compiled by…

Dr Vishal Goyal BAMS MD(AM)


 सन्दर्भ: (malaria hindi)

https://www.cdc.gov/malaria/resources/pdf/fsp/drugs/chloroquine.pdf- chloroquine phosphate use in malaria

https://stanfordhealthcare.org/medical-conditions/primary-care/malaria/types.html- plasmodium types

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC1570869/- for malaria prevention

https://en.wikipedia.org/wiki/Malaria_antigen_detection_tests- malaria antigen test kit


 

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