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anxiety meaning in hindi

जाने एंग्जाइटी, डर, चिंता, घबराहट के कारण, लक्षण, उपचार व सम्पूर्ण जानकारी- Anxiety Meaning in Hindi

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1 क्या होती है एंग्जाइटी (anxiety meaning in hindi)
1.1 एंग्जाइटी डिसऑर्डर क्या होता है (what is the meaning of anxiety in hindi)
1.1.4 एंग्जायटी के प्रकार (Types of Anxiety Disorders in hindi)
English – Anxiety (एंग्जाइटी)हिन्दी मे- चिंता, डर या घबराहट

क्या होती है एंग्जाइटी (anxiety meaning in hindi)

anxiety meaning in hindi: एंग्जाइटी का मतलब शरीर में होने वाली विशेष प्रकार की चिंता, डर या घबराहट की स्थिति है जो उस समय प्रगट होती है जब किसी भी व्यक्ति को किसी भी कार्य को करने की जरूरत तुरंत या भविष्य में उस कार्य के बारे में सोच कर होने लगती है 

वैसे तो किसी भी कार्य को करने के प्रति चिंता का होना शरीर की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है परंतु फिर भी अगर यह स्वाभाविक प्रतिक्रिया जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो एंजाइटी का रूप ले लेती है 

ऐसे में व्यक्ति किसी भी कार्य को करने से पहले यह सोचता है कि अगर वह इस कार्य को करेगा तो लोग उसके बारे में क्या कहेंगे 

यह एक कमजोर मनोबल की स्थिति है यह स्थिति कई व्यक्तियों में देखने को मिलती है जैसे मान लो अगर आपने कभी भी भाषण ना दिया हो तथा आपको स्टेज पर भाषण देने को कोई कह दे तो आपके मन में घबराहट, चिंता या भय की स्थिति उत्पन्न हो जाती है

वैसे तो यह एक सामान्य बात है परंतु अगर यह लक्षण जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो यह स्थिति हमारी मानसिक तथा शारीरिक स्वास्थ्य को काफी प्रभावित कर सकती है 

एंग्जाइटी डिसऑर्डर क्या होता है (what is the meaning of anxiety in hindi)

  • ठीक इसी प्रकार कई व्यक्ति भीड़ में जाने के प्रति, कई व्यक्ति किसी भी कार्यक्रम चाहे वह खुशी का हो या गम का वहां जाने की सोच मात्र से, कोई नौकरी के इंटरव्यू देने से पहले, किसी को स्कूल या कॉलेज के पहले दिन चिंता, घबराहट या एंजाइटी की स्थिति में आ जाते हैं वैसे तो यह हर व्यक्ति के लिए आम बात है परंतु फिर भी अगर यह लक्षण ठीक ना हो तो धीरे धीरे यह एक मानसिक बिमारी का रूप ले लेते है जिसे एंग्जाइटी डिसऑर्डर भी कहा जाता है 

यह  एंग्जाइटी आगे चलकर डिप्रेशन या मानसिक अवसाद का प्रमुख कारण बन जाती है इसलिए समय रहते इस समस्या का समाधान कर लेना चाहिए अन्यथा यह आपके जीवन के साथ-साथ आपके परिवार के लिए भी हानिकारक हो सकती है

  • सामान्य रूप से किसी भी कार्य के प्रति होने वाली चिंता या डर की स्थिति शरीर में उत्पन्न होती है तथा चली जाती है यह स्थिति आपके दैनिक जीवन में नकारात्मक प्रभाव नहीं डालती परंतु एंग्जाइटी डिसऑर्डर आपके जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है जिस कारण धीरे धीरे आप समाज से दूर होने लगते हैं
  • पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में एंग्जाइटी डिसऑर्डर की स्थिति ज्यादा देखने को मिलती है

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एंग्जायटी का आयुर्वेदीय मत (anjayti in hindi)

आयुर्वेद में मानसिक बल को तीन भागों में बांटा गया है एक वर्ग में वह लोग आते हैं जिनका मानसिक सत्त्व प्रवर (Mentally strong persons) होता है 

ऐसे व्यक्तियों को किसी भी कार्य चाहे वह बड़ा हो या छोटा उसे करने के प्रति किसी भी प्रकार की चिंता घबराहट या डर की स्थिति महसूस नहीं होती 

दूसरी ओर ऐसे व्यक्ति भी समाज में होते हैं जिनका मानसिक सत्त्व हीन या कम (Mentally weak persons) होता है ऐसे व्यक्ति छोटा सा कार्य करने से पहले ही घबराहट व बेचैनी का शिकार हो जाते हैं इसी प्रकार के हीन सत्व के व्यक्तियों को एंग्जाइटी डिसऑर्डर ज्यादा प्रभावित करता है ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसे व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर होते हैं 

तीसरी श्रेणी में मध्यम सत्व वाले व्यक्ति आते हैं जिनको किसी भी प्रकार के कार्य को लेकर मन में कोई ज्यादा बदलाव की स्थिति महसूस नहीं होती

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एंग्जाइटी डिसऑर्डर को समझने के बेस्ट उदाहरण (enzyte meaning)

पहली उदहारण –

  • मान के चलिए कि कोई व्यक्ति परीक्षा की तैयारी कर रहा है
  • परीक्षा की तैयारी करते समय उसके मन में कई प्रकार के विचार आने लगते हैं कि कहीं उसकी परीक्षा ठीक से ना हो पाए, कहीं वह फेल ना हो जाए, कहीं उसके नंबर कम ना आ जाए, ऐसे में लोग उसके बारे में क्या कहेंगे इतियादी
  • ऐसा बार बार सोच कर वह बेचैन हो जाता है उसे घबराहट होने लगती है
  • जिसके कारण कई बार उसके हाथों में भी कंपन होने लगता है दिल की धड़कन बढ़ जाती है पसीना आने लगता है इस स्थिति का मतलब है कि वह व्यक्ति एंग्जाइटी डिसऑर्डर का शिकार है जिस कारण उसकी परीक्षा भी ठीक से नहीं हो पाती

दूसरी उदहारण चिंता विकार की (Anxiety meaning)-

  • मानकर चलिए कि कोई व्यक्ति नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गया है वहां उसने देखा कि उससे पहले कई व्यक्ति इंटरव्यू के लिए बैठे हैं उन व्यक्तियों को देखकर उस व्यक्ति के मन में थोड़ा डर उत्पन्न होता है कि क्या मैं इस इंटरव्यू में सफल हो पाऊंगा, थोड़ा डर उत्पन्न होना एक सामान्य बात है तथा यह सभी व्यक्तियों के साथ यह होता है
  • परंतु इंटरव्यू में आए अन्य व्यक्तियों को देखकर उस व्यक्ति के द्वारा अपने मन में यह सोचना कि यह व्यक्ति मुझसे ज्यादा इंटेलिजेंट है, इनसे मैं compete नहीं कर सकता इसलिए मैं इंटरव्यू में सफल नहीं हो पाऊंगा, अगर ऐसा हो गया तो भविष्य में मैं क्या करूंगा 
  • ऐसा सोच कर उस व्यक्ति में घबराहट व बेचैनी उत्पन्न हो जाती है कई बार उसके हाथों में कंपन होने लगता है यह स्थिति सामान्य से हटकर एंग्जाइटी डिसऑर्डर का संकेत है 
  • इस स्थिति में दिल की धड़कन बढ़(Palpitations) जाती है, पसीना आने लगता है तथा धीरे-धीरे अपना मानसिक संतुलन व आत्मविश्वास खो बैठता है 

कई बार तो चक्कर खाकर जमीन पर गिर भी जाता है इस स्थिति का मतलब है कि वह व्यक्ति एंग्जाइटी डिसऑर्डर से पीड़ित है


चिंता विकार को समझें (anxiety meaning in hindi)

मान लो कोई औरत अपने हस्बैंड का दफ्तर से आने का इंतजार कर रही है ऐसी स्थिति में अगर उसका पति 20 से 30 मिनट के लिए घर पहुंचने में लेट हो जाता है तो ऐसी स्थिति में उसकी पत्नी के मन में तरह-तरह के नकारात्मक विचार आने लगते हैं 

  • वह सोचने लगती है कि कहीं उसके पति का एक्सीडेंट तो नहीं हो गया, कहीं उसको कोई चोट तो नहीं लग गई, कहीं उसके पति का किसी के साथ झगड़ा तो नहीं हो गया 
  • इस प्रकार के विचार सामान्यता मन में आना आम बात है परंतु इन विचारों के कारण अगर उस औरत मे घबराहट, बेचैनी व डर इत्यादि के लक्षण सामान्य से ज्यादा प्रगट हो जाए 

जिस कारण उसकी दिल की धड़कन बढ़ जाए, उसे पसीना आने लगे, वह अपना मानसिक संतुलन खोने लगे तो इसका मतलब है कि वह औरत एंग्जाइटी डिसऑर्डर से पीड़ित है ऐसी औरतों को उसके पति के घर आ जाने के बाद भी सामान्य होने में काफी वक्त लग जाता है

अन्य उधाहरण से समझें (injaity)

एक लड़की बस स्टैंड पर खड़ी है ऐसी स्थिति में कोई व्यक्ति उस लड़की के पास आता है तथा उसे टाइम पूछता है वह लड़की भी टाइम बता देती है जिसके बाद वह व्यक्ति वहां से चला जाता है यह एक सामान्य बात है 

  • परंतु अगर टाइम पूछे जाने पर वह लड़की उस व्यक्ति को टाइम ना बताएं बल्कि यह सोचने लगे कि कहीं यह व्यक्ति उससे बातचीत तो नहीं करना चाहता, कहीं उसका पर्स तो नहीं छीनना चाहता, कहीं किसी भी प्रकार से उसको नुकसान तो नहीं पहुंचाना चाहता, कहीं उसका पीछा कर उससे मिलने की कोशिश तो नहीं करने लगेगा 

इस प्रकार ऐसी बातें सोच कर वह बेचैन हो जाती है, उसमें घबराहट पैदा हो जाती है, पसीना आने लगता है, दिल की धड़कन बढ़ने लगती है 

बिना समय बताएं वहां से भाग जाती है तो ऐसी स्थिति में हम कह सकते हैं कि वह लड़की Anxiety  डिसऑर्डर से पीड़ित है


सामान्यीकृत चिंता विकार (Generalized Anxiety Disorder in hindi)

ऐसे लोग जिनमें एक साथ कई प्रकार के सोच अपने आप शुरू हो जाते हैं जिसके कारण कई प्रकार की बातें वह खुद से ही assume करने लगते हैं ऐसे लोग ज्यादातर Overthinking के शिकार होते हैं तथा ऐसे ही व्यक्ति जनरलाइज्ड एंग्जाइटी डिसऑर्डर (Generalized Anxiety Disorder) से पीड़ित होते हैं

इसके अलावा कई प्रकार के लोग समाज में ऐसे भी होते हैं जिनको अलग-अलग स्थितियों में डर(Phobia) का अनुभव होता है जैसे

  • कई लोगों को ऊंचाई से डर लगता है इसे ACROPHOBIA कहते है 
  • कुछ व्यक्ति अकेला कहीं आने जाने से डरते हैं 
  • कई लोग अंधेरे (NYCTOPHOBIA) से डरते हैं
  • कुछ व्यक्तियों को अपने मां बाप या अन्य परिवारिक मेंबर से बिछड़ने का डर लगा रहता(Separation Anxiety) है 
  • कई व्यक्ति भूत प्रेतों, चोरों व जानवरों इत्यादि की सोच से डर जाते हैं 

ऐसे व्यक्तियों में जब उनके डर की वजह सामने आती है तो उन व्यक्तियों में एंग्जाइटी के लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं

  • उदाहरण के तौर पर मान लो कोई व्यक्ति अंधेरे से डरता है तथा वह कमरे में अकेला बैठा है और लाइट चली जाती है तो ऐसी स्थिति में वह व्यक्ति बहुत डर जाएगा
  • उसके दिल की धड़कन बढ़ जाएगी, उसे पसीना आने लगेगा, घबराहट और बेचैनी होने लगेगी जिसकी वजह से उस व्यक्ति को एंग्जाइटी का अटैक आ सकता है

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सामाजिक दुर्भीति या भय (social anxiety meaning in hindi)

कई व्यक्ति सामाजिक भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से घबराते हैं 

  • उदाहरण के तौर पर ऐसे व्यक्ति अगर किसी समारोह चाहे शादी का हो या कोई बर्थडे पार्टी वहां जाने के पश्चात वह व्यक्ति अजनबी लोगों व अन्य लोगों से मिलने से बातचीत करने से दूर भागते है 

उनको लगता है कि अन्य लोगों से बातचीत करने से कहीं उनका मजाक तो नहीं बन जाएगा, कहीं लोग उसको नीचा तो नहीं समझेंगे, इस प्रकार के व्यक्ति Inferiority Complex के शिकार हो जाते हैं 

इस प्रकार के व्यक्तियों के सामने अगर कोई दूसरे व्यक्ति आ जाएं तो ऐसी स्थिति में इस प्रकार के व्यक्ति नर्वस व  बेचैन हो जाते हैं उनके दिल की धड़कन बढ़ने लगती है इस प्रकार के लोग भी Anxiety Disorder का शिकार होते हैं

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एंग्जायटी के प्रकार (Types of Anxiety Disorders in hindi

एंग्जाइटी डिसऑर्डर कई प्रकार के होते हैं जैसे कि…

1. जनरलाइज़्ड एंग्जायटी डिसऑर्डर (GAD)

  • यह सबसे आम होने वाला एंग्जाइटी डिसऑर्डर है इस स्थिति में व्यक्ति को छोटे-छोटे कार्यों के बारे में सोच कर टेंशन होने लगती है जैसे अगर घर से बच्चा थोड़े समय के लिए बाहर गया है तो उसकी चिंता करना, अगर कहीं जाना है तो Travel करने की चिंता करना, पैसों की चिंता करना, बच्चों की पढ़ाई की चिंता करते रहना इत्यादि

ऐसे व्यक्ति सारा दिन इन्हीं बातों को सोच कर परेशान होते रहते हैं जिस कारण anxiety के अनेक प्रकार के शारीरिक व मानसिक लक्षण उनमें दिखाई देने लगते हैं

2. पैनिक डिसऑर्डर (panic disorder in hindi)

इस प्रकार की स्थिति में मात्र 1 से 2 मिनट या ज्यादा से ज्यादा 5 मिनट में व्यक्ति में एकदम से बहुत ही ज्यादा घबराहट, चिंता व बेचैनी वाली स्थिति उत्पन्न हो जाती है

  • ऐसा लगता है जैसे उस को हार्टअटैक हो गया है तथा कुछ ही देर में उसकी मृत्यु हो जाएगी
  • ऐसी स्थिति में तुरंत ही हॉस्पिटल जाने पर सभी टेस्ट सामान्य आते हैं लेकिन लक्षण बड़े उग्र होते हैं Panic Anxiety Disorder से पीड़ित व्यक्ति समाज में बड़ी संख्या में मोजूद है

3. हाइपोकॉन्ड्रिया या इलनेस एंजाइटी डिसऑर्डर (Illness anxiety disorder in hindi)

  •  इस प्रकार के Anxiety Disorder से पीड़ित व्यक्ति किसी भी बीमारी के डर से बार-बार अपने टेस्ट अपने शरीर की जांच करवाता रहता है तथा उसके सभी टेस्ट सामान्य आते हैं फिर भी बिना वजह किसी भी बीमारी के चिंता के कारण ऐसे व्यक्तियों में घबराहट तथा बेचैनी की स्थिति बनी रहती है

4. ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसॉर्डर (ocd means in hindi) 

यह भी एक प्रकार का एंग्जाइटी डिसऑर्डर है इसे OCD भी कहते हैं OCD से पीड़ित व्यक्तियों के मन में एक ही विचार बार-बार आता रहता है जिस कारण ऐसे व्यक्तियों में घबराहट और बेचैनी की स्थिति बनी रहती है

  • उदाहरण के तौर पर बार-बार अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोना, थोड़ी देर बाद फिर ऐसा करना क्योंकि उनके मन में यह विचार बार-बार आता है कि कहीं कोई गंदगी हाथों में लगी तो नहीं रह गई या कहीं उनको हाथों की गंदगी से किसी प्रकार का संक्रमण ना हो जाए

OCD के मरीज एक बार ताला लगा कर उसको बार-बार चेक करते रहते हैं इस बीमारी को वहम की बीमारी भी बोलते हैं

5. फोबिया (मन में डर लगना)

यह भी एक प्रकार का एंग्जाइटी डिसऑर्डर है इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को  किसी भी खास वस्तु या स्थिति से बिना वजह डर लगता रहता है

  • जैसे कई व्यक्ति ऊंचाई से डरते हैं जिसे Acrophobia कहते हैं कोई व्यक्ति जानवरों से बहुत डरता है जिसे Zoophobia कहते हैं
  • इसी प्रकार समाज में अनेकों प्रकार के Phobias हैं जिन से पीड़ित व्यक्तियों में घबराहट बेचैनी तथा एंग्जाइटी के अन्य लक्षण ऐसी स्थिति में उत्पन्न हो जाते हैं

6. पोस्ट-ट्रोमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD)

कई व्यक्तियों के जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती है जिनमें जान जाने का खतरा होता है ऐसी घटनाओं के होने के बाद ऐसे व्यक्तियों में इस प्रकार का एंग्जाइटी डिसऑर्डर विकसित हो जाता है

  • थोड़ी सी सामान्य घटना होने पर भी वह बहुत घबरा जाते हैं उनके दिल की धड़कन बढ़ जाती है ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है एंग्जाइटी के लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं

एंग्जाइटी कैसे विकसित होती है? (Etiology of Anxiety in Hindi)

एंग्जाइटी डिसऑर्डर का वैज्ञानिक कारण इस प्रकार समझे…

  • सबसे पहले एनवायरमेंटल फैक्टर्स जिनके कारण दिमाग का प्रेशर या दिमागी दबाव बढ़ता है इसकी वजह कुछ भी हो सकती है जैसे कि आपके रिश्ते नाते, दौलत, सेहत, बिजनेस या परीक्षा इत्यादि

इसके अतिरिक्त खतरे या डर का एहसास जैसे किसी व्यक्ति विशेष को ऊंचाई या अंधेरे का डर होने पर भी Anxiety हो सकती है इन कारणों के अतिरिक्त एंग्जाइटी डिसऑर्डर के अन्य प्रमुख कारण इस प्रकार है…

Genetic Connection(आनुवंशिक कनेक्शन)… 

  • 15 से 20 प्रतिशत लोग वह भी एंजायटी डिसऑर्डर से पीड़ित होते हैं जिनके परिवार में उनके माता-पिता भाई बहन में भी एंग्जाइटी  के लक्षण होते हैं ऐसा एक वैज्ञानिक रिसर्च में पाया गया है

Gaba- Benzodiazepine- Receptors का Imbalance… 

  • यह विशेष प्रकार के रिसेप्टर्स हमारे मस्तिष्क में होते हैं Gaba एक प्रकार का न्यूरोट्रांसमीटर है इन Neurotransmitters में Imbalance होने के कारण भी कई लोगों में एंग्जाइटी के लक्षण पैदा हो जाते हैं ऐसे व्यक्तियों को ठीक करने के लिए Benzodiazepine नामक दवाइयों की जरूरत पड़ती है

अन्य न्यूरोट्रांसमीटर्स के Imbalance के कारण…

गाबा(Gaba) के अतिरिक्त अन्य प्रकार के न्यूरोट्रांसमीटर्स जैसे…

  • Serotonin 
  • Dopamine 
  • Opioid Receptors 
  • Epinephrine इत्यादि

इस प्रकार के न्यूरोट्रांसमीटर्स का बैलेंस बिगड़ने से भी कई व्यक्तियों में Anxiety Disorder की शिकायत हो जाती है


एंग्जायटी अटैक सिम्पटम्स (anxiety symptoms in hindi

एंग्जाइटी के कारण हमारा सिंपैथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है जिस कारण निम्नलिखित लक्षण मरीज में देखने को मिलते हैं जैसे कि..

  • दिल की धड़कन का तेज हो जाना- ऐसी स्थिति में मरीज डॉक्टर को बोलता है कि उसकी धड़कन बहुत ज्यादा बढ़ गई है तथा ऐसा लगता है कि कहीं उसका दिल उसके शरीर से बाहर ही ना जाए
  • अत्यधिक पसीना आनाanxiety meaning in hindi- एंग्जाइटी जाने कारण, लक्षण, उपचार व सम्पूर्ण जानकारी
  • सिर घूमना
  • चक्कर आना
  • हाइपरवेंटिलेशन के लक्षण जैसे तेज तेज सांस लेना
  • उंगलियों का सुन पढ़ना
  • सिर में दर्द होना
  • सांस लेने में दिक्कत होना
  • सीने में जकड़न का एहसास होना
  • पेशाब ज्यादा आना
  • दस्त लगना
  • जुनून की हद तक किसी कार्य को करना
  • निराश रहना
  • फालतू बातों के बारे में सोचते रहना
  • लोगों से बातचीत करते समय नर्वस होना
  • मौत के बारे में विचार मन में आना
  • बिना कारण डरते रहना

इसके अतिरिक्त Motor Symptoms जैसे कि…

  • डरा हुआ चेहरा
  • हाथों में कंपन होना(Tremors)
  • शरीर के किसी भी हिस्से की मांसपेशियों में Stiffness होना
  • मरीज का एक स्थान पर टिक कर ना बैठना अर्थात इधर-उधर भागना(Restlessness)

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विशेष बात (anxiety attack in hindi)

एंग्जाइटी डिसऑर्डर में कई बार अटैक के लक्षण इतने गंभीर होते है जैसे…
  • सांस लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत होना
  • दिल की धड़कन का अनियमित होना
  • ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ जाना
    anxiety meaning in hindi- एंग्जाइटी जाने कारण, लक्षण, उपचार व सम्पूर्ण जानकारी
    anxiety panic attack

मरीज का बेहोश हो जाना इत्यादि कि डॉक्टरों को भी समझ नहीं आता कि यह कहीं दिल का अटैक(Heart Attack) तो नहीं, ऐसी स्थिति में मरीज को इमरजेंसी वार्ड में ले जाकर उसके सभी टेस्ट जैसे ईसीजी, इकोकार्डियोग्राफी, ट्रोप-टी इत्यादि किए जाते हैं 

इसके बाद यह सभी टेस्ट सामान्य आते हैं जिसके बाद डॉक्टरों को यह सुनिश्चित हो जाता है कि यह एंग्जाइटी अटैक ही है

ऐसे Anxiety अटैक को देखकर मरीज के परिवार वाले बहुत घबरा जाते हैं


एंग्जाइटी का इलाज़ (Anxiety treatment in hindi)

एंग्जाइटी के मरीज को मानसिक रोग विशेषज्ञ(Psychiatrist) से परामर्श कर इसका इलाज किया जाता है

  • कई बार मरीज को साइकैटरिस्ट द्वारा कुछ दवाइयां कुछ दिनों के लिए दी जाती हैं तथा कुछ मरीजों में नीचे लिखे उपायों से ही उनका इलाज आसान हो जाता है इन उपायों में प्रमुख रूप से जो तरीके अपनाए जाते हैं वह इस प्रकार है…

 १. जीवन शैली में सुधार (Lifestyle Modifications) 

  • इसमें आपको एक बढ़िया लाइफस्टाइल जो आपकी सेहत के लिए अनुकूल हो उसे अपनाना चाहिए सुबह जल्दी उठना रात को जल्दी सोना अपनी दिनचर्या का एक सही टाइम टेबल बनाना इत्यादि
  • अपने परिवारिक सदस्यों के साथ रोजाना कुछ समय बिताना उनके साथ हंसना खेलना तथा घर के बाहर अपने दोस्तों से मिलना कोई आउटडोर एक्टिविटी करना इत्यादि ऐसा करने से एंग्जाइटी  के लक्षणों में बहुत सुधार होता है

 २. संतुलित आहार (Healthy Diets) 

  • आपको अपने आहार में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए
  • अपने आहार में तरह तरह के फल सब्जियां तथा अश्वगंधा, ग्रीन टी, yellow फ्रूट्स इत्यादि पदार्थों को शामिल करना चाहिए इन पदार्थों का सेवन करने से आपको मानसिक रूप से काफी रिलैक्सेशन महसूस होगा

३. कैफीन का सेवन कम करें

  • Caffeine का ज्यादा सेवन एंग्जाइटी के लक्षणों को बढ़ाता है इसलिए इसका सेवन एंजायटी डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्तियों को कम करना चाहिए

 ४. अच्छी नींद लेना (Sound Sleep)

  • रोजाना 8 से 10 घंटे की नींद लेना आपकी शारीरिक व मानसिक सेहत के लिए बहुत जरूरी है

 ५. शारीरिक व्यायाम (Physical Exercises)anxiety meaning in hindi- एंग्जाइटी जाने कारण, लक्षण, उपचार व सम्पूर्ण जानकारी

आपको एक निश्चित समय पर हर रोज माध्यम से तीव्र गति का व्यायाम करना चाहिए, आप रोजाना पैदल चले, वज़न को कम करना, मॉर्निंग वॉक करें या जिम जाए ऐसा करने से एंग्जाइटी डिसऑर्डर के लक्षणों को दूर करने में आपको बहुत मदद मिलेगी

  • ऐसा इसलिए है क्योंकि नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से हमारे शरीर में हैप्पी हारमोंस(Feel good hormones) रिलीज होते हैं जिनके कारण मानसिक तनाव कम होता है, मानसिक तनाव का कम होना एंग्जाइटी के लक्षणों में भी सुधार करता है

६. बीड़ी, सिगरेट, शराब तथा अन्य तंबाकू वाले पदार्थों का सेवन ना करना (anxiety kaise dur kare)

सिगरेट, शराब, बीड़ी या किसी भी प्रकार के तंबाकू वाले पदार्थ जैसे गुटका, चैनी खैनी यह सभी पदार्थ एंग्जाइटी के लक्षणों को बढ़ाते हैं इसलिए इनका सेवन एंग्जाइटी डिसऑर्डर वाले व्यक्ति को नहीं करना चाहिए

anxiety meaning in hindi- एंग्जाइटी जाने कारण, लक्षण, उपचार व सम्पूर्ण जानकारी

इन पदार्थों के अतिरिक्त अन्य नशीले पदार्थ जैसे भांग(Cannabis), सुल्फा, Weed तथा Marijuana आदि का सेवन भी एंग्जाइटी  के लक्षणों को बढ़ाता है

  • कुछ लोगों को लगता है कि इन नशीले पदार्थों का सेवन करने से उनका मानसिक तनाव कम होता है परंतु एक वैज्ञानिक रिसर्च में पाया गया है की ऐसा शुरू शुरू में ही लगता है लंबे समय इन पदार्थों का सेवन करने से एंजायटी डिसऑर्डर तथा मानसिक तनाव के लक्षणों में और भी बढ़ोतरी हो जाती है इसलिए इन पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए

इन बातों के अतिरिक्त घर पर रहते हुए एंग्जाइटी डिसऑर्डर को मैनेज करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं जैसे कि…

अगर किसी को कम या मध्यम प्रकार की एंग्जाइटी (mild to moderate anxiety) है तो ऐसी स्थिति में उसे… 

  • Relaxation Techniques को करना चाहिए जिसमें आंखें बंद कर पूरी एकाग्रता से भगवान के सामने प्रार्थना करना 
  • योग व प्राणायाम करना
  • मेडिटेशन करना इत्यादि चीजें शामिल है

इसके अतिरिक्त…

७. गहरी सांस लेना (Deep Breathing)

चिंता, तनाव या घबराहट की स्थिति में गहरी सांस लेना जिसमें लंबी सांस को अंदर खींच कर धीरे-धीरे सांस छोड़ने होती है ऐसा करने से एंग्जाइटी के लक्षणों में सुधार होता है जब भी आप चिंता, तनाव या एंग्जाइटी की स्थिति में हो तो उस समय आपको गहरी सांस लेनी चाहिएanxiety meaning in hindi- एंग्जाइटी जाने कारण, लक्षण, उपचार व सम्पूर्ण जानकारी

गहरी श्वास से आपको अच्छी नींद आएगी, मानसिक एकाग्रता बढ़ेगी व  Stress कम होगा

  • इसके अतिरिक्त ऐसा करने से आपका बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर सामान्य हो जाएगा, दिल की धड़कन नियमित हो जाएगी, मांसपेशियों में एंग्जाइटी के कारण जो तनाव बढ़ जाता है वह भी कम हो जाएगा आपके Energy Level भी बढ़ जाएगा

इसके अतिरिक्त एंग्जाइटी को दूर करने के लिए आप रोजाना 5 से 10 मिनट एक स्थान पर एकाग्र होकर बैठ जाएं आंखें बंद कर लें तथा किसी भी एक विषय में ध्यान केंद्रित करें ऐसा करने से धीरे धीरे आपको एंग्जाइटी के लक्षणों में बहुत लाभ महसूस होगा

“anxiety meaning in hindi- एंग्जाइटी जाने कारण, लक्षण, उपचार व सम्पूर्ण जानकारी” पढने के लिए धन्यवाद…


गंभीर एंग्जायटी (In Case of Severe Anxiety)

  • अगर एंग्जाइटी जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो ऐसी स्थिति में आपको अपने नजदीकी मनोरोग चिकित्सक(Psychiatrist) से सलाह मशवरा कर इसका इलाज करवाना चाहिए
  • मनोचिकित्सक एंजाइटी को दूर करने के लिए कई प्रकार की दवाओं के साथ-साथ मरीज को Psychotherapy का इलाज देते हैं जिससे मरीज को इस समस्या से निजात पाने में बहुत मदद मिलती है 

प्रश्न -एंग्जाइटी को दूर करने के लिए चिकित्सक द्वारा किन दवाइयों का प्रयोग किया जाता है ?

उत्तर-चिकित्सकों द्वारा एंग्जाइटी पर काबू पाने के लिए अनेकों दवाइयों का प्रयोग किया जाता है जिस के कुछ उदाहरण इस प्रकार है जैसे कि…

  • Tab Feel up (Flupentixol +Melitracen)
  • Tablet Etilaam 0,25-0,5mg (Etizolam)
  • Tab Anxit 0,25-0,5mg (Alprazolam)
  • Tablet Librium (Chlordiazepoxide)
  • Tab Librosar 
  • Tablet Equilibrium 
  • Tab Anxit plus 
  • Tablet Melanew 3,5,10mg (Melatonin)
  • Tab Refresh 
  • Cap Fludac 20mg 

Note- ये सभी Rx Drugs है अर्थात doctor की prescription के बिना इस्तेमाल नही कर सकते, इन दवाओं का इस्तेमाल केवल चिकित्सक से सलाह मशवरा करके ही करना चाहिए, कृपया अपनी मर्जी से इन दवाओं का इस्तेमाल ना करें क्योंकि इन दवाओं की आदत मरीज को लग सकती है तथा अनेक प्रकार के दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं


एंग्जायटी की होम्योपैथिक दवा (Homeopathic medicine for anxiety)

  • Anxiety की बेस्ट होम्योपैथिक दवा का नाम  ADEL- 51 Drops है

यह जर्मन कंपनी की anxiety,  चिंता, घबराहट, मानसिक एकाग्रता में कमी, किसी भी कार्य में मन ना लगना, मानसिक तनाव, लोगों से मिलने पर नर्वसनेस महसूस करना आदि समस्याओं की बेस्ट होम्योपैथिक दवा है इस दवा का सेवन करने से मात्र 1 महीने में रिजल्ट दिखने लगते हैं

  • Dose- 20 drops दिन में तीन बार एक चौथाई गिलास पानी में डालकर खाना खाने से आधा घंटा पहले या बाद में ले सकते हैं धीरे धीरे अच्छे रिजल्ट प्राप्त होने पर इस दवा की मात्रा 15 ड्रॉप्स दिन में तीन बार कर सकते हैं ये मात्रा adults के लिए है 

इस दवा का सेवन कम से कम 1 से 2 महीने के लिए करना चाहिए 

  • 12 से 15 साल के बच्चों को 7 drops दिन में तीन बार एक चौथाई गिलास पानी में डालकर इस दवा का सेवन करना चाहिए 
  • दवा का मूल्य– तकरीबन 270 रुपये है 

सभी Homeopathic स्टोर्स पर उप्लब्ध है आप इसे ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं 

Information source- dr pranjali srivastva(Homeopathic Physician)


निष्कर्ष (anxiety in hindi)

एंग्जाइटी शरीर मे होने वाला एक नकारात्मक इमोशन है जैसे दुख, गुस्सा, डिसगस्ट, guilt आदि

  • नकारात्मक इमोशन इसलिए कहते हैं क्योंकि यह हमें शारीरिक रूप से तथा मन के लेवल पर काफी नर्वस तथा डिस्ट्रेस महसूस करवाती है
  • एंग्जाइटी शारीरिक या मानसिक तौर पर महसूस हो सकती है या दोनों के कंबीनेशन के रूप में भी महसूस हो सकती है
  • शारीरिक तौर पर महसूस होने पर दिल की धड़कन में का बढ़ जाना, घबराहट होना, ज्यादा प्यास लगना, हाथ पैर फूल जाना, चक्कर आना, सिर दर्द आदि लक्षण महसूस हो सकते हैं
  • मानसिक तौर पर भविष्य में होने वाली किसी भी अप्रिय घटना के बारे में चिंता करते रहना, यादाश्त कमजोर होना, किसी भी कार्य पर ध्यान केंद्रित ना कर सकना इतियादी

“anxiety meaning in hindi- एंग्जाइटी जाने कारण, लक्षण, उपचार व सम्पूर्ण जानकारी” please share it maximum…

एंग्जाइटी डर से थोड़ी अलग है

  • डर के समय खतरा मौके पर मौजूद रहता है उस समय दिल की धड़कन तथा हाथों पैरों में खून का दौरा कुछ समय के लिए बढ़ता है तथा उसके बाद हमारा शरीर उसे ओवरकम कर लेता है और हम ठीक हो जाते हैं परंतु anxiety की समस्या में इस प्रकार के शारीरिक व मानसिक लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं

Anxiety सभी के जीवन में होती है हर दिन होती है कई बार हो सकती है ऐसा इसलिए है क्योंकि सुबह से शाम तक हम लोग कई प्रकार की Demands को पूरा करने की चेष्टा करते रहते हैं

क्लीनिकल एंग्जाइटी (Clinical Anxiety)

इसमें एक बात विशेष रुप से ध्यान देने वाली यह है कि सामान्य anxiety को हर व्यक्ति अपने आप ही ठीक कर लेता है परंतु अगर यह लक्षण बढ़ जाए तो इसे क्लीनिकल एंग्जाइटी (Clinical Anxiety) कहते हैं जिसके लिए मानसिक रोग विशेषज्ञ से सलाह मशवरा कर इसका इलाज करवाना जरूरी होता है

हमारे समाज में एंजायटी डिसऑर्डर(Anxiety disorder) से पीड़ित व्यक्तियों के लिए कुछ लोग पागल शब्द का इस्तेमाल करते हैं उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए बल्कि पीड़ित व्यक्ति की मानसिक स्थिति को सही से समझ कर उसका इलाज करवाना चाहिए

  • Mental health के प्रति प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक रहने की जरूरत है तभी जाकर anxiety जैसी समस्याओं से निजात मिल सकती है
  • anxiety से पीड़ित ज्यादातर व्यक्ति यही सोचते हैं कि उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं है, लोग उनके बारे में क्या कहेंगे, अपनी समस्याओं के बारे में किससे बात करें इस तरह के सवाल कई बार उन लोगों को सही चिकित्सक या सही इलाज से दूर रखते हैं इसी कारण कई कई महीनों तथा सालों तक ऐसे व्यक्ति एंग्जाइटी डिसऑर्डर से जूझते रहते हैं

ऐसी स्थिति में दूसरे व्यक्तियों का यह फर्ज बनता है कि  एंग्जाइटी डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्तियों की मदद की जाए उन्हें इलाज के लिए प्रोत्साहित किया जाए


एंग्जाइटी के संदर्भ में पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q. 1 एंग्जाइटी को कैसे खत्म करें ?

Answer ऐसी स्थिति महसूस होने पर गहरी लंबी श्वास(Deep breathing) लें, जो बातें मानसिक तनाव को बढ़ाती है उनके बारे में चिंतन ना करें, सही मात्रा में नींद ले, अपना ध्यान अपनी किसी मनपसंद गतिविधि जैसे फिल्म देखना, म्यूजिक सुनना, कोई गेम खेलना इन बातों पर लगाएं ऐसा करने से एंग्जाइटी दूर करने में आपको काफी मदद मिलेगी


Q. 2 Anxiety को हिंदी में क्या कहते हैं ?

Answer एंग्जाइटी का मतलब चिंता, घबराहट व बेचैनी की ऐसी मानसिक स्थिति है जिसमें हाथों पैरों में कंपन, दिल की धड़कन का बढ़ना, अत्यधिक पसीना आ जाना, मिर्गी के जैसे दौरा पड़ना इत्यादि लक्षण हो सकते हैं 

इनका सही समय इलाज ना किया जाए तो आगे चलकर रोगी अपना नुकसान भी कर सकता है आज भी पूरे भारतवर्ष में 15 से 20% लोग एंजाइटी व डिप्रेशन का शिकार है


 

Q. 3- एंग्जाइटी और डिप्रेशन में क्या अंतर है ?

Answer एंग्जाइटी व डिप्रेशन दोनों ही ही मानसिक समस्याएं हैं एंग्जाइटी का सही समय इलाज न करने पर यह अवस्था डिप्रेशन में तब्दील हो सकती है डिप्रेशन एंजाइटी की तुलना में ज्यादा गंभीर मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति जीने की चाहत खो देता है तथा मरने के विचार उसके मन में आने लगते हैं


Q. 4- एंग्जाइटी में क्या खाना चाहिए ?

Answer विटामिन B12 तथा विटामिन D3 सप्लीमेंट्स का सेवन करने से एंग्जाइटी के लक्षणों को दूर करने में मदद मिलती है इसके अतिरिक्त ऐसे व्यक्ति को अपना पसंदीदा आहार जो उसके मन को अच्छा लगे उसका सेवन करना चाहिए


अस्वीकरण (disclaimer)

इस आर्टिकल में बताई गई बातें, उपचार के तरीके व खुराक की जो भी सलाह दी जाती है वह सब हेल्थ स्पेशलिस्टस के अनुभव पर आधारित होती है 

किसी भी मशवरे को अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर कर ले, सेहत से जुड़े हुए आर्टिकल्स आपको अपने आप अपनी मर्जी से दवाइयां लेने की सलाह नहीं देते


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  • anxiety meaning in hindi- एंग्जाइटी जाने कारण, लक्षण, उपचार व सम्पूर्ण जानकारीके लेखक: डॉ. वी .के. गोयल आयुर्वेदाचार्य B.A.M.S. M.D.(AM)
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